राष्ट्र भावना के वाहक तिरंगे पर गर्व कीजिए,.. शान से फहराईये

यूथ

मथुरा । राष्ट्र समान भावना और एकता की नींव पर टिकी एक सांप्रदायक संस्था है जो कल्पना मात्र से यतार्थ तक का सफ़र तय करती है। इस लक्ष्य को पाने में प्रतीकों की अहम भूमिका रही है जो हमें फ्रेंच , अमेरिकन क्रांति और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय ध्वज , गीत , पहनाव, संविधान जैसे मूल्यों के रूप में देखने को मिले। यह प्रतीक और समान मूल्य जो उस राष्ट्र के नागरिकों के मानसिकता में बसे होते है , एक होने की भावना को जागते हैं । इन प्रतीकों में राष्ट्र प्रेम और उसके प्रति कर्तव्य की भावना को जगाने की अपार शक्ति होती है और इन सबमें किसी राष्ट्र के ध्वज का स्थान सर्वोपरि है।

प्रधानमंत्री मोदी की अपील हर घर तिरंगा

माननीय प्रधानमंत्री जी ने 75 वे स्वंत्रता के अमृत उत्सव पर मीडिया में हर घर तिरंगा मुहिम की शुरुआत की और सबसे आग्रह किया कि सोशल मीडिया में अपनी डी पी में राष्ट्रीय ध्वज लगाकर और अपने घर में तिरंगा फहराकर स्वंत्रता दिवस मनाने की अपील की वहीं दिल्ली सरकार ने भी सभी स्कूलों और कॉलेजों में ध्वज फहराने का ऑर्डर पास किया । इसका महत्व बहुत ज्यादा है । सोशल मीडिया काफी शक्तिशाली टूल है जिसका प्रयोग अक्सर ही पूर्व के राष्ट्रों द्वारा चलाए प्रोपेगंडा द्वारा भारत के एकता ,अखंडता और भाईचारे जैसे मूल्यों को कमजोर करने के लिए किया गया है और नई पीढ़ी को गुमराह किया है आज भारत में लगभग 66 प्रतिशत नागरिक 18 से 35 उम्र का है जो 2 से 3 घंटा औसतन सोशल मीडिया का उपयोग करता है इससे उसके मूल्यों और विचारों पर गहरा असर पड़ता है इसलिए हमे सोशल मीडिया का इस्तेमाल राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करने में लगाना सराहनीय है।

भारत के इतिहास में ध्वज की बड़ी भूमिका

भारत के इतिहास में ध्वज की अहम भूमिका रही है जैसे श्री हनुमान ने अर्जुन के रथ की रक्षा ध्वज में विराजित होकर की थी । ध्वज को हमेशा ही सम्मान एवम पहचान की वस्तु देखा जाता रहा है । मौजूदा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकैयानंद ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था। जिसमे सरोजनी नायडू ने कहा ” याद रखो ,इस ध्वज के नीचे कोई राजा या कोई किसान नही ,कोई अमीर या कोई गरीब नही । यहाँ कोई अधिकार नहीं बल्कि एक कर्तव्यता है एक जिम्मेदारी है। चाहे हम हिंदू है या मुस्लिम , ईसाई ,सिख या पारसी हमारी भारत माता का एक अखंड हृदय है एक आत्मा । मेरे भारत के भाई और बहनों उठकर इस ध्वज को सलामी दो ।” इस तिरंगे के तीन रंगों में सबसे ऊपर केसरिया होता है, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग रहता है और बीच में अशोक चक्र विराजित है। इन तीनों रंगों का अपना विशेष महत्व और मतलब है। केसरिया को साहस और बलिदान का प्रतीक कहा जाता है, सफेद रंग को शांति और सच्चाई का प्रतीक कहा जाता है जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है ।हमारे संविधान का निबंध 51A(a) राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान के प्रति कर्तव्य का उल्लेख करता है।

राष्ट्रीय ध्वज से मिलेगा रोजगार भी

इस मुहिम से कई गरीबों को रोजगार मिलने की भी आशा है जिन्हे कोविड से कोई काम नहीं मिला और भारत की एकता अखंडता एवम भाइचारे जैसे मूल्यों को घर घर तक तक पहुंचाया जाएगा । सरकार का भी आश्वासन है की भारतीय ध्वज आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं और इसमें कोई अड़चन नहीं आयेगी । इस स्वंत्रता दिवस भारतीय ध्वज को सलामी देकर उसका मान बढ़ाएं और हर घर तिरंगा का संदेश सभी तक पहुंचाए।

मनोज कुमार
बी ए ड
अंबेडकर विश्वविद्यालय ,आगरा

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