ब्रजवासियों और साधु-संतों ने की वृंदावन कॉरिडोर को लेकर महा बैठक

बृज दर्शन

रिचा शर्मा

कॉरिडोर विरोध में विशाल जनसभा का आयोजन समूचे वृंदावन के लोगों ने किया समर्थन

वृंदावन। प्रस्तावित बाँके बिहारी कॉरिडोर के विरोध में लगातार ३१ वे दिन बृजवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। ३१ वे दिन आज एक आम सभा का आयोजन जुगल घाट पर आयोजित किया गया जिसमें समूचे वृंदावन के कौने कौने से आये लोगो ने कॉरिडोर का विरोध किया। बृजवसियों ने एक स्वर में कहा है की भगवान श्रीकृष्ण के बृज को बृज ही रहने दिया जाए। उसकी प्राचीन परंपरा से खिलवाड़ ना किया जाए और सरकार ऐसा करती है तो इसका दुष्परिणाम सभी को भोगना पड़ेगा।

सभा को संबोधित करते हुए सुधीर शुक्ला ने बताया की भगवान श्री कृष्ण ने भी वृंदावन में हमेशा प्रकृति को सम्भालने का कार्य किया और राजनीति करने की लिए उन्होंने हस्तिनापुर और विकास के लिए द्वारका को चुना।

मधुमंगल शुक्ला ने बताया की सरकारे लगातार वृंदावन का विनाश करने पर तुली हुई है और अरबों रुपयों का घोटाला अकेले जमुना शुद्धिकरण पर हो चुका है पर आज तक जमुना साफ़ नहीं हुई उन्होंने कहा कि सभी बृजवासी एक होकर इस लड़ाई में कूद जाए सभी छोटे बड़े क़ानूनी कार्यों के लिए मैं सदा तैयार हूं और देखता हूं कि सरकार कैसे कॉरिडोर को अमली जामा पहनाती है।

मातृ शक्ति से रूपा लवानिया ने कहा की सरकार के इस निर्णय के ख़िलाफ़ हम जनआंदोलन कें साथ है और जब जब इस आंदोलन को हमारी ज़रूरत पड़ेगी हम सब तैयार रहेंगे उन्होंने विश्वास दिलाया कि पार्टी इस मुहिम में बृजवासियीं के साथ है

श्रीहित चंदन गोस्वामी जी ने बताया की हम सभी लोगो को एक होकर इस मुसीबत का सामना करना पड़ेगा और हम सभी को अपने अपने सभी मंदिरों को आम दर्शन के लिए बंद कर ठाकुर सेवा करनी चाहिए और भक्तों के लिए दर्शन बिलकुल बंद कर देने चाहिए।
विरोध करने वालों में मुख्य रूप से उमेश दीक्षित जी, सिद्धार्थ शर्मा ,अनंत किशोर पाठक, विलास चंद्र गोस्वामी, निर्मल जी, सुधीर शुक्ला जी, पिंकू गौतम, समीर शुक्ला जी, अमित गौतम, प्रमोद बिहारी शास्त्री, श्रीहित चंचल गोस्वामी, कवि मोहन “मोही”, नीरज गौतम, नवल किशोर गोस्वामी, अमर बिहारी पाठक, दिनेश अग्रवाल, आशीष गोस्वामी, गोविंद खंडेलवाल, अशोक शर्मा, कविता सिंह, श्रीमती रूपा लवानिया, कवि अशोक अज्ञ जी, प्रह्लाद दास, विजय अग्रवाल, श्यामा किशोरी शरण आदि उपस्थित थे। सभा का संचालन दीपक पाराशर ने किया।

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