वृंदावन के निर्माणाधीन ऑडिटोरियम को लेकर सांसद हेमा मालिनी ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

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उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार कराए जा रहे दोनों ऑडिटोरियम के लिए सांसद ने कई सुझाव दिए

परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप ने सांसद को प्रगति से अवगत कराया

मथुरा-वृंदावन। सांसद हेमा मालिनी ने बुधवार को वृंदावन में टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी) के सामने निर्माणाधीन दोनों ऑडिटोरियम का निरीक्षण किया। निर्माण प्रगति से उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की व कुछ सुझाव भी दिए।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा टीएफसी के सामने व सौ सैया अस्पताल के बगल में निर्माणाधीन मथुरा-वृंदावन के मध्य एक हजार दर्शकों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम को बुधवार सायं सांसद हेमा मालिनी ने मौके पर पहुंच कर देखा। परिषद के सीईओ श्री नगेन्द्र प्रताप, कार्यदायी संस्था सीएनडीएस उप्र जल निगम निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर भूपेंद्र सिंह और ग्लोबल ऐकोस्ट्रिक के प्रतिनिधियों ने ऑडीटोरियम की प्रगति से अवगत कराया।
सांसद हेमा मालिनी ने सुझाव दिया कि ऑडिटोरियम के स्टेज पर ऊपर से उतरने के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। स्टेज के अलावा दर्शकों के बैठने की सुविधा बेहतर होनी चाहिए।
सांसद ने इस निर्माणाधीन ऑडिटोरियम के समीप ही तैयार कराए गए पांच सौ दर्शकों की क्षमता वाले दूसरे ओपन एयर ऑडिटोरियम (मुक्ताकाशीय मंच) को भी देखा। उसकी सुंदरता और सजावट से सांसद बेहद प्रभावित हुईं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस ओपन ऑडीटोरियम में लाइट फ्रेम स्थाई रूप से हो। भविष्य में फिल्मी कलाकारों को यहां लाकर कार्यक्रम करवाने का प्रयास होगा।
सांसद हेमा मालिनी ने मंगलवार सांय रंगोत्सव-2023 के अंतर्गत अंतिम दिन जुबली पार्क में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार कराए गए बड़े ऑडिटोरियम को भी देखा। वह दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। हेमा मालिनी ने आज वृंदावन के ऑडिटोरियम के निरीक्षण के समय यह बात दोहराई कि कि भविष्य में मथुरा और वृंदावन के इन शानदार बनाई गई ऑडिटोरियम में फिल्मी कलाकार शंकर महादेवन का कार्यक्रम करवाया जाएगा। सांसद के साथ निरीक्षण में उनके सचिव जनार्दन शर्मा, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तकनीकी विशेषज्ञ आरके जायसवाल, खेमचंद गोयल, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद्र शर्मा, साहित्यकार कपिल देव उपाध्याय, गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, संस्थान की शोध समन्वयक डॉ रश्मि वर्मा, दीपक शर्मा, सौरभ गोयल व अन्य विशेषज्ञ व इंजीनियर उपस्थित थे।

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