नेपाल में गूंजी मथुरा की नौंटकी

देश

● ब्रज के कलाकारों नेपाल की धरती पर किया मथुरा का नाम रोशन

● 21 सदस्यीय कलाकार दल ने डॉ. खेमचन्द यदुवँशी शास्त्री के निर्देशन में नौटंकी- जैन-साध्वी चंदनबाला का किया मनोहारी प्रदर्शन

मथुरा। अखिलभारतीय ब्रज संस्कृति केन्द्र,मथुरा (रजि.) के कलाकारों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के माध्यम से नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर समिति (कमलपोखरी-नेपाल) के संयोजकत्व में भगवान महावीर स्वामी निकेतन सभागार में पर्युषण महापर्व-2023 के अंतर्गत क्षमावाणी पर्व पर भगवान महावीर स्वामी की प्रथम आर्यिका चंदनबाला के उज्ज्वल चरित्र पर आधारित नौटंकी- ‘जैन साध्वी चंदनबाला’ का मन्चन कर मथुरा का नाम रोशन किया है।

मन्चन के समय वहाँ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम जिनवाणी पूजन किया और भारत का प्रतिनिध्व कर रहे आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवँशी शास्त्री (मथुरा) का पवित्र जैन ग्रन्थ जिनवाणी व अंगवस्त्र भेंट कर विशेष रूप से सम्मान किया व कहा- “भारतीय सांस्कृतिक विरासत आज विश्व में अपनी उत्तम पहचान बना चुकी है जिसमें उत्तर प्रदेश की नौटंकी तो बेहद लोकप्रिय हुई है।”
विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे स्वामी विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र,काठमांडू के निदेशक डॉ. असवारी बापट ने बताया कि इंडो-नेपाल सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहद आज भारत की सांस्कृतिक विरासत को सजोये हुए उत्तर प्रदेश की नौटंकी का मन्चन हो रहा है जो बेहद सुरीली व मनोहारी लोकनाट्य है। संगीताचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवँशी शास्त्री द्वारा लिखित व निर्देशित यह नौटंकी की प्रस्तुति निश्चित ही दो देशों के सम्बन्धों में प्रगाढ़ता लाएगी क्योंकि यह जैन धर्म के लिए बेहद सन्देशप्रद है।”
संस्था के 21 सदस्यी कलाकार-दल ने जैसे ही सामूहिक वन्दना- “आओ वंदन करें महावीर स्वामी को मनाते हैं” की तार-सप्तकीय टीपदार आवाज में शुरू की पूरा हाल करतल ध्वनि से गूंज उठा। सभी कलाकारों की विभिन्न भूमिकाओं को देख कर नेपाल की उपस्थित जनता वाह वाह कर उठी और बार बार तालियों की गड़गड़ाहट गूँजती रही।

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