नवसंवत्सर पर एक दिवसीय भारतीय नववर्ष मेला 8 अप्रैल को सेठ बीएन पोद्दार इण्टर कॉलेज में

बृज दर्शन

भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत होगा नववर्ष मेला, सभी को मिलेगा नववर्ष बधाई कलेण्डर और प्रसाद
मथुरा। नववर्ष मेला समिति के महामंत्री प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अपनी भारतीय गौरवशाली परम्परा, इतिहास एवं स्वाभिमान का प्रतीक भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत्सर की पूर्व संध्या पर नववर्ष मेला समिति मथुरा गत 23 वर्षों से परम्परागत रूप से विशाल नववर्ष मेला का आयोजन करती आ रही है। इस वर्ष भी यह एक दिवसीय विशाल मेला चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत् 2081 तदनुसार 09 अप्रैल की पूर्व संध्या पर चैत्र कृष्ण अमावस्या संवत् 2080 तदनुसार 8 अप्रैल सोमवार को नववर्ष मेला समिति मथुरा द्वारा नव आकर्षण, नवसज्जा तथा नवउत्साह के साथ सेठ बी०एन० पोद्दार इण्टर कॉलेज मथुरा के मैदान में परम्परागत रूप से विभिन्न सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जा रहा है।
       यह जानकारी प्रदीप श्रीवास्तव महामंत्री नववर्ष मेला समिति मथुरा द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर दीनदयाल नगर मथुरा में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी। मेला महामंत्री ने बताया कि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए नवसंवत्सर पर नववर्ष मेला वर्ष 2002 से शुरू हुआ है। तभी से यह मेला प्रतिवर्ष लगता है। श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिवसीय नववर्ष मेला का शुभारम्भ चैत्र कृष्ण अमावस्या संवत् 2080 तदनुसार 8 अप्रैल को भूमि पूजन एवं हवन के साथ मध्यान्ह एक बजे से होगा। प्रतियोगिताऐं सायं 5 बजे से और मंचीय प्रतियोगिताऐं सायं 5:30 बजे से होंगी। दीप प्रज्जवलन रात्रि 8 बजे से होगा। इसमें मुख्य अतिथि परम पूज्य सुप्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता डॉ० अनिरूद्वाचार्य जी महाराज गौरी-गोपाल आश्रम श्रीधाम वृन्दावन एवं स्वागताध्यक्ष डॉ० हरिकृष्ण भदौरिया, चैयरमैन भदौरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस रहेंगे। इस दिन का विशेष आकर्षण सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत रात्रि 9:15 बजे से छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और शौर्यगाथा व राष्ट्रभक्त्ति पर आधारित ऐतिहासिक नाटक शिवाजी का स्वराज्य का व्हाइट फ्रेम थियेटर पर मंचन होगा। विजेता समारोह रात्रि 10 बजे से रहेगा।
      नववर्ष मेला समिति अध्यक्ष कमलेश अरोरा  ने बताया है कि इस नवसम्वत्सर मेला में कोई भी विदेशी वस्तु की बिक्री नहीं होती। मेला में सभी स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री होती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार मेला में आने वाले सभी आगुन्तकों को चंदन लगाकर स्वागत किया जाता है। मेला से वापस जाते समय नीम की कोंपल और मिश्री का प्रसाद भेंट किया जाता है। मेला समिति द्वारा उन लोगों को जिनके घर में गंगा जल नहीं है, निःशुल्क गंगा जल और अन्य सभी को नवसंम्वत्सर बधाई कलेण्डर भेंट स्वरूप दिया जायेगा।
         मीडिया प्रभारी मुकेश शर्मा ने बताया मेला का मुख्या आकर्षण घोडा, ऊँट की सवारी, झूले, खेल-तमाशा, खान-पान की स्टॉल, स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री, नृत्य संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित भारतीय संस्कृति पर आधारित विविध मंनोरंजक पूर्ण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
          पत्रकार वार्ता में कोषाध्यक्ष अजय कुमार सर्राफ, सह कोषाध्यक्ष गंगाधर अरोरा, हरस्वरूप यादव, रूपेश चौधरी, नयन शर्मा, पृथ्वी राज पांडेय उपस्थित रहे।

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